Tuesday, November 12, 2024

सहस्त्रबाहु अर्जुन पर कविता

कविता: सहस्त्रार्जुनजी तलवार, धनुष, त्रिशूल, चक्र रण में कौशल दिखलाते थे रावण को बंदी बना लिया दशग्रीवजयी कहलाते थे उस चक्र सुदर्शन अवतारी सातों द्वीपों के विजयी को शत- शत प्रणाम करते हैं हम प्रभु कार्तवीर्य अर्जुन जी को @ मुकेश पाण्डेय जिगर

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