Tuesday, December 12, 2023

शिक्षक पर दोहे

दोहे 1 शिक्षा देकर ज्ञान की, जग में ज्योत जलाय। भाग्यवान को ही मिले, शिक्षक का व्यवसाय।। 2 अपने शिष्यों को सदा, समझो अपना रूप। भारत के भावी यही, अनुपम और अनूप।। 3 करे परीक्षा में सफल, उसे माहिती मान। जीवन जो करदे सफल, समझो सच्चा ज्ञान।

मुक्तक: वर्तमान के वर्गखंड से

मुक्तक अंधियारे को हरने वाला सूरज फिर से निकलेगा। ज्योत जलेगी ज्ञान की तो अज्ञान मोम सा पिघलेगा। कोई शिक्षक, कोई लेखक, कोई वैज्ञानिक होगा। वर्तमान के वर्गखण्ड से भावी भारत निकलेगा।

स्लोगन: पर्यावरण

1. मत करो इसका हरण अनमोल है पर्यावरण 2. पर्यावरण संरक्षित होगा जीवन तभी सुरक्षित होगा 3. पर्यावरण बचाना है जीवन स्वर्ग बनाना है 4. करते हैं सबका भरण धरा ,सूर्य ,पर्यावरण 5. पानी खनिज तत्वों से मां आंचल है भरती पर्यावरण को संतुलित करती है धरती 6. काट काट कर वृक्ष हम करें न खुद का नाश शुद्ध रखें पर्यावरण शुद्ध मिलेगी श्वास 7. दुनिया के हर जीव का करें सदा सम्मान रखे शुद्ध पर्यावरण अपनी मिल्कत मान 8. निर्भर है एक वृक्ष पर कई जीव की जान प्राण वायु दे मुफ्त में तू है बड़ा महान मुकेशकुमार पाण्डेय "जिगर" Mo. 7874707567

गीत: पर्यावरण है बचाना

गीत: पर्यावरण है बचाना नदियों में हमने कचरा डाला नहरें बना दीं गंदा नाला पानी भी है प्रदूषित, हवा भी है प्रदूषित पर्यावरण को बिगाड़ा..... बर्बाद कर डाला - 4 झीलें प्रदूषित, दरिया प्रदूषित गंगा और यमुना नदियां प्रदूषित हरे भरे ये खेत भी हमारे केमिकल वाली खाद से प्रदूषित। पानी भी है प्रदूषित, हवा भी है प्रदूषित पर्यावरण को बिगाड़ा बर्बाद कर डालाजेड- 4 सोलर लगाओ ऊर्जा बचाओ पौधे लगाओ वर्षा लाओ पानी बचाओ बिजली बचाओ ई मोटर गाड़ी घर में लाओ पानी है शुद्ध रखना, हवा है शुद्ध रखनी पर्यावरण है बचाना वादा है निभाना -4 मुकेशकुमार पाण्डेय "जिगर" Mo.7874707567