इस ब्लॉग पर मै आपके साथ ग़ज़ल, गीत, मुक्तक, दोहा, कविता, इत्यादि रचनाएँ साझा करता रहूँगा। Copyright@ मुकेश पाण्डेय "जिगर"
Thursday, August 25, 2022
वैज्ञानिक गीत (जीवविज्ञान परिचय)
आओ बच्चों तुम्हे दिखाऐं, झलक जीवविज्ञान की,
वनस्पति प्राणी के संग में, सूक्ष्म जीव के ज्ञान की।
जय हरगोविंदजी, जय हरगोविंदजी।
जीवों में चलने वाली प्रक्रियाओं का ज्ञान है।
जीवो का अभ्यास है जिसमें वही जीव विज्ञान है,
पर्वत मैदानों से लेकर जंगल का आवास है,
तालाबों नदियों से लेकर सागर का अभ्यास है,
वर्गखंड तक सीमित नहीं है बातें इस विज्ञान की।
वनस्पति प्राणी के संग में सूक्ष्मजीव के ज्ञान की।
पिता हैं बच्चों एरिस्टोटल, विषय जीवविज्ञान के,
इन्हे अरस्तू भी कहता है, जग सारा सम्मान से।
पिता वनस्पति सृष्टि के हैं थियोफ्रेस्टस जान लो,
प्राणी सृष्टि के भी पिता हैं एरिस्टोटल मान लो,
हर गोविंद खुराना जी के नोबेल के सम्मान की,
वनस्पति प्राणी के संग में सूक्ष्मजीव के ज्ञान की
जय हरगोविंदजी, जय हरगोविंद जी।
ट्रेविरेनस लेमार्क ने बायोलॉजी शब्द दिया,
ग्रीक भाषा से बायोस और लोगोस दोनो शब्द लिया।
रॉबर्ट हुक जी कोष खोजकर राह नई बतला गए,
रॉबर्ट ब्राउन उसी कोष में कोशकेंद्र दिखला गए।
रॉबर्ट हुक ने ही डाली है नींव कोष विज्ञान की
वनस्पति प्राणी के संग में सूक्ष्म जीव के ज्ञान की।
जय हरगोविंद जी, जय हर गोविंदजी। --- मुकेश पाण्डेय
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