Friday, September 11, 2020

गीत: हिंदी दिवस पर

     गीत

हम सदा सबकी भाषा का आदर करें,
पर हमें अपनी हिन्दी का अभिमान हो ।
अब हरेक दिन हमारा हो हिन्दी दिवस
,
हिन्द की अब तो हिन्दी ही पहचान हो।

खो गए पश्चिमी सभ्यता में यूँ हम,
हिन्दी भाषा का अपमान करते रहे।
अपनी माता का आदर न कर पाए हम
,
और मौसी का सम्मान करते रहे।
सीखते हम रहें सबकी भाषा भले
,
अपनी भाषा से लेकिन न अंजान हों।
हम सदा सबकी भाषा का आदर करें
,
पर हमें अपनी हिन्दी का अभिमान हो।

एक धागे में सबको पिरोती है जो,
एकता की लड़ी है बनाती सदा।
दूरियाँ दो दिलों की घटाती है जो
,
सबका संपर्क सबसे कराती सदा।
देशव्यापी से ये विश्वव्यापी बने
,
सारी दुनिया में हिन्दी का गुणगान हो।
हम सदा सबकी भाषा का आदर करें
,
पर हमें अपनी हिन्दी का अभिमान हो।

होने देंगे न हिन्दी का अपमान हम,
आज खुद को ही खुद ये वचन दीजिए।
हिन्दी भाषा का गौरव बढ़ाएँगे हम
,
आज हिन्दी दिवस पर ये प्रण कीजिए।
हिन्दी भाषा सदा यूँ ही फूले – फले
,
और सफल हम सभी का ये अभियान हो।
हम सदा सबकी भाषा का आदर करें
,
पर हमें अपनी हिन्दी का अभिमान हो।
अब हरेक दिन हमारा हो हिन्दी दिवस
,
हिन्द की अब तो हिन्दी ही पहचान हो।

              ---- मुकेश पाण्डेय “जिगर”

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